Book Title: Descriptive Catalogue Of Manuscripts Vol 26
Author(s): P K Gode
Publisher: Bhandarkar Oriental Research Institute
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222
tpanipadi
[ 1013
Ends -- fol. 6a
तारं द्वादशसाहस्रमभ्यसेश्छेदनं हि तत् । यस्तु द्वादशसाहस्रं प्रणवं जपतेन्वहं ॥ २६ ॥ तस्य द्वादशभिर्मासैः परं ब्रह्म प्रकाशते । इत्युपनिषत् ॥ ओं श्रीमद्विश्वाधिष्ठानपरमहंससद्गुरुरामचंद्रार्पणमस्तु । सन्यासोपनिषत्समाता ॥
संन्यासोपनिषद्
Saminyāsopanişad No. 1013
___328 (24)
1883-84 . Size - 91 in. by 4} in. Extent -58bto 60b leaves%3; 8 lines to a page3; 30 letters to a line. Description - See No. 328 (1)/1883-84: Mundakopanisad. Begins - fol. 58b
ॐ अथाहितामिनियेत प्रेतस्य मत्रैः संस्कारोपतिष्ठते etc. Ends - fol. 606
ये प्राप्य परमां गतिं भूयस्तेन निवर्त्तनं परापरमवस्थितां परापरमवस्थि. तामिति ॥ छ ।
इत्यथर्ववेदे सन्यासोपनिषञ्चतुर्विंशतितमः समाप्तः ॥ २४
संन्यासोपनिषद्
Samnyāsopanişad
42 (24) .No. 1014
1892-95 Size - 91 in. by 4ld in. Extent — 518 to 520 leaves ; 10 lines to a page; 32 letters to a line. Description - See No. 42 (1)/1892-95: Mundakopanisad. Begins -fol. 514
*मथाहितामिम्रियेत प्रेतस्य मन्त्रैः संस्कारो प्रतिष्ठते etc.
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