Book Title: Descriptive Catalogue Of Manuscripts Vol 26
Author(s): P K Gode
Publisher: Bhandarkar Oriental Research Institute

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Page 236
________________ 1016] Upanigade 223 Ends — fol. 526 भथार्य मूर्द्धनिमस्य देहेषा गतिर्गतिमतां ये प्राप्य परमां गतिं भूयस्तेन - निवर्तते परात्परमवस्थात्परात्परमवस्थादिति ॥ इति संन्यासोपनिषत् ।। संन्यासोपनिषद् Samnyāsopanişad 139 (I) (2) No. 1015 1879-80 Size - 67 in. by 4} in. Extent -4ato5b leaves%3 12 lines to a page%3; 24 letters to a line.. Description - See No. 139 (I) (1) / 1879-80 : Maņģūkopanişad. Begins -fol.4a ॥ॐ अथाहितामिम्रियेत प्रेतस्य मत्रैः संस्कारोपतिष्टते etc. Ends - fol. 50 ये प्राप्य परमां गतिं भूयस्तेन निवर्तनं ॥ परापरमवस्थिता परापरमव. स्थितामिति ॥४॥ संन्यासोपनिषत्समाप्ता ॥२॥ संन्यासोपनिषद् Samnyāsopanişad 1(24) No. 1016 A 1883-84 Size - 10m in. by 51 in. Extent -33b to 34b leaves%3 12 lines to a page; 40 letters to a line. Description - See No.1 (1)/A 1883-84 : Mundakopanisad. Begins - fol. 33b ओं अथाहितामिनियेत प्रेतस्य मंत्रैः संस्कारोपतिष्टते etc. Ends - fol. 340 एषा मतिर्मतिमनो ये प्राप्य परमां गतिं भूयस्तेन निवर्तनं परापरमवस्थितां परापरमवस्थितामिति ॥ इत्यथर्ववेदे सन्यासोपनिषत्समाप्ता चतुर्विशतिः ॥ २४ ॥

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