Book Title: Descriptive Catalogue Of Manuscripts Vol 26
Author(s): P K Gode
Publisher: Bhandarkar Oriental Research Institute
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Upanipado Begins — fol. 356
___ ॐ अथाहितामिम्रियेत प्रेतस्य मत्रैः संस्कारोपतिष्टते etc. Ends -fol. 374
भूयस्तेन निवर्तनं परापरमवस्थितं परापरमवस्थितमिति १ इत्यथर्ववेदे संन्यासोपनिषत्समाप्ता चतुर्विशतिः २४
संन्यासोपनिषद्
Saminyāsopanişad
1620) No. 1011
1907-15 Size -91 in. by4 in. Extent - 450 to 460 leaves; 8 lines to a page: 32 letters to a line.; Description - See No. 1 (1) / 1907–15; Muņdakopanişad. Begins-fol. 45a
* अथाहिताग्निम्रियेत प्रेतस्य मात्रैः संस्कारोपतिष्ठते । etc. Ends - fol. 46b
ये प्राप्य परमां गतिं भूयस्तेन निवर्तनपरात्परमवस्थितात्परात्परमवस्थी. दिति ॥५॥ इति संन्यासोपनिषत्समाप्ता ।।
संन्यासोपनिषद्
Samnyāsopanişad
487(65) No. 1012
1882-83 Size - 98 in. by 5f in. Extent - 10 to 6a leaves; 16 lines to a page; 32-35 letters to a line. Description - See No. 487 (1) / 1882-83; Išāvāsyopanisad (Vol. I
Pt. II, p. 88). Begins - fol. 10
ओं श्रीमद्विश्वाधिष्ठानपरमहंससदरामचंद्राय नमः॥ ओं भाप्यायंत्विति शांतिः॥
मथातस्सन्यासोपनिषदं व्याख्यास्यामो योनुक्रमेण संन्यस्यति स सन्यस्तो भवति कोयं संम्मास उच्यते कथं सम्यस्तो भवति etc..
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