Book Title: Descriptive Catalogue Of Manuscripts Vol 26
Author(s): P K Gode
Publisher: Bhandarkar Oriental Research Institute

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Page 197
________________ 184 Upanigade 1955 Age - Not very old. Author - Samkaracarya. Begins -- fol. 10 श्रीगणेशाय नमः॥ ॐ नमः परमात्मने । ॐ श्रीगुरुपरमात्मने नमः ॥ वज्रसूची प्रवक्ष्यामि शास्त्रमज्ञानभेदनं ।। दूषणं ज्ञानहीनानां भूषणं ज्ञानचक्षुषां ॥१॥ets. Ends -- fol. 40 इत्यादि श्रुतिभिरेवं स्वनिश्चयात्प्रबुद्धः स जीवन्मुक्तः प्रारब्धकर्मजनितफलावधे लोकानन वावतिष्टते॥ तथा प्रध्वस्ताखिलमोहोपि मोहकार्य तथात्मवित् ॥ इति वज्रसूची उपनिषत्सुबोधयां समाप्ता॥ इति श्रीमत्संकराचार्यविरचितां वज्रसूची समाप्ता ॥ वज्रसूच्युपनिषद् Vajrasūcyupanişad 36(3) No. 955 1887-91 Size - 104 in. by 4} in. Extent - 9a to 90 leaves; 11 lines to a page; 35 letters to a line. Description - Countary paper; Devanāgari characters; handwriting ___clear, legible and uniform; incomplete. Begins - fol. 9a ॐ वज्रशूची प्रवक्ष्यामि शास्त्रमज्ञानभेदन ॥ दूषणं ज्ञानहीनानां भूषणं ज्ञानचक्षुषां ॥१॥etc. Ends - fol.90 क्षत्रियादयोपि षड्दर्शनादिभिज्ञानवहवः संति । तस्मान पांडित्यं ब्राह्मणः Vajrasūcyupanişad वज्रसूच्युपनिषद् No. 956 $ize - 94 in. by 4 in. 42(3) 1892-95

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