Book Title: Collection of Prakrit and Sanskrit Inscriptions
Author(s): P Piterson
Publisher: Bhavnagar Archiological Department

Previous | Next

Page 244
________________ Aho! Shrutgyanam STONE INSCRIPTION IN THE TEMPLE OF LAKSHMI NARAYANA AT MAHUVA UNDER BHAVNAGAR. DATED SAMVAT 1500. PLATE XXXIX, नमःश्री माय ॥ सिमतिप्रति श्रीविक्रमातिक मतसंवदिद्वाया तीसरा प्रजानां मानो मित्राचा राग प्रचंड किराए वोट माघमा घाव तथा गुरोः च शुकरे सायका ॥ थावाला की तरागारमधुमती से ज्ञनिवासानिति श्रीमका मगवीराज चवाश शिव संजवन श्रीरामा ति चामरा तमहरा प्रतिभावित श्रीनरपाल ४ समजूती हा साप तत्पशहरपरिचर मिलापसमा थाविरासी दमितवितर लायस खभावः श्रेष्ठि श्री राम नागा नसुत चयः संयुक्तानामुसा समाविश्वावदावो दनुजनित वग्रिए नाना तक लिबल दलानालामा काला निलायो। प्रविवापतन्त दीननाममधुरसलिल सतपत्रानुतिष्ठदविष्ठा मि पृहदिष्टदिशमानला द्वा दीया हरिभवनिपान ऊयता पवित्रा तिने न दद्यादानयत का न्याझावाती सोशः सारंग शास वापी धम्मकल कंसारात सागवानागारसेनमन गाता मात्र सारसं सफलेला तानाश्री की न चनादेयतादवास वकवसलाचयाविना उनका ज्ञाउँकी के यापादाराची रुपा झाल शायीपली लावायल च्या सहामी कला 2013 के सम्म रष्य प्रराले ॥ राष्ट समाययमहासा निमिरे माह विमा हनी ११ नम्मरि यंत्रात की नाय मंदि रोमा ने कालकहर कंमती १२|| स्वझिश्रीमन्नृपविक माकसमयावी तसंवत १५० जातिमानिव साराउतले संनसतो वे शारख ४ चम्प-श्रीमधुरयाउ मिशनला मा नासती पिता की वायासटिमा कलःगली मासहितो मालवा निर्मि

Loading...

Page Navigation
1 ... 242 243 244 245 246 247 248 249 250 251 252 253 254 255 256 257 258 259 260 261 262 263 264 265 266 267 268 269 270 271 272 273 274 275 276 277 278 279 280 281 282 283 284 285 286 287 288 289 290 291 292 293 294 295 296 297 298 299 300 301 302 303 304 305 306 307 308 309 310 311 312 313 314 315 316 317 318 319 320 321 322