Book Title: Chintan Haim Sanskrit Bhavya Vakya Sangraha Author(s): Haresh L Kubadiya Publisher: Haresh L KubadiyaPage 11
________________ |६ | (त्वम् ) Al1AI AL All ॐ 3 > 2. . . . . त्वम् १. | तुं नमे छे २. | तुं भणे छे | तुं पड़े छे | तुं रक्षण करे छे | तुं बोले छे | तुं त्याग करे छे | तुं कहे छे | तुं पूजा करे छे तुं अटन करे छे | तुं दोडे छे तुं जय पामे छे | तुं भेंटे छे | तुं मेळवे छे | तुं मोह पामे छे | तुं माने छे तुं वर्ते छे तुं बोलावे छे तुं जमे छे तुं बनावे छे | तुं झंखे छे तुं रंगे छे तुं हसे छे तुं आवे छे तुं जाय छे तुं मारे छे चिन्तन हैम संस्कृत-भव्य वाक्य संग्रह २९. तुं रडे छे ३०. तुं गाय छे ३१. तुं रमत करे छे ३२. | तुं भोजन करे छे | तुं उपरथी पडे छे । तुं रस्तामां आलोटे छे.. तुं विसर्जन करे छे | तुं जाहेर करें छे. .' | तुं अपेक्षा राखे छे | तुं इच्छे छ | तं वखाणे छे .. | तुं वरसे छे . . तुं परिवर्तन करे छे ... ४२: तुं शोक करे छे । | तुं प्रमोद करे छे तुं महेनत करे छे तुं राज्य करे छे तुं द्रोह करे छे | तुं खुश थाय छे | तुं गोखे छे | तुं परीक्षा करे छे तुं पोषण करे छे | तुं सारूं वर्तन करे छे | तुं अटके छे | तुं तरे छे | तुं प्रगटावे छे | तुं विजय पामे छे | तुं प्रार्थना करे छे | तुं तोले छे . ५८. | तुं ध्यान धरे छ 2. 4. तुं हसे छे तुं दण्डे छे तुं पीडे छेPage Navigation
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