Book Title: Chintan Haim Sanskrit Bhavya Vakya Sangraha Author(s): Haresh L Kubadiya Publisher: Haresh L KubadiyaPage 61
________________ | पण ||५६ | (सम्भव) चिन्तन हैम संस्कृत-भव्य वाक्य संग्रह ९. नरकमां श्रेणिक राजा समताथी २४. लव-कुश रामनी साथे युद्ध दुःख भोगवे पण करे पण १०. मोनित भजियाना मरचा खाय | २५. | सती शीयलना कारणे पोताना प्राण आपे पण गर्भमा रहेलो तीर्थंकरनो जीव | २६. ते समुद्रमांथी मोती लावे पण माताने दुःख आपे पण । २७. | आ कालमां छमासी तप थाय | सती गायत्री पोताना पतिने पण | यमराज पासेथी पाछो मांगे | २८. | पू....म.सा. ५१ उपवास करे पण पण मुछित थयेला राजाने जोईने | २९. अमे सुरत चोमासुं करीए पण राणी गभराय पण ३०. | उपवासमां भूख लागे पण पूर्व- वेर लेवा उदयभाणनी | ३१. स्वप्नमां भगवान् देखाय पण माता सापण बनीने मारे पण | ३२. | संकटमां देवो सहाय करे पण साधुनो वेश जोई ने भव्य | ३३. चौद पूर्वी मुनि निगोदमां जाय जीवो चारित्रने झंखे पण । पण , नाचती सुन्दरीने जोईने राजानी | ३४. | भाव विना दीक्षा लाभदायक नियत बगडे पण बने पण युवराज पोताना पराक्रमथी | ३५. | महा-मुनि संयममां डगे पण दुःश्मनोने जिते पण ३६. | काला माथानो मानवी धारे ते १८. अजगरना मुखमांथी महाबल | करे पण मलयासुन्दरीने काढे पण ३७. | नीलम सुमतिने वेश्याना फंदा|हुं नियम अधुरा राखं पण । | मांथी छोडावे पण वधारे भणवाथी चश्मा आवे | ३८. ओरमान पुत्रने जोईने माताने पण इर्ष्या थाय पण हरीश परीक्षामां १ नम्बरे आवे | ३९. | | धनना लोभमां ललचाईने भाई भाईने मारे पण राजा राणीना मृत्युथी बीजा | ४०. रस-गुल्लाने जोईने मोढामां लग्न करे पण पाणी आवे पण २३. हुं अट्ठम करीने २१ यात्रा करूं | ४१. रणजीत १०० रसगुल्ला खाय पण पण पणPage Navigation
1 ... 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 133 134