Book Title: Chintan Haim Sanskrit Bhavya Vakya Sangraha Author(s): Haresh L Kubadiya Publisher: Haresh L KubadiyaPage 71
________________ ६६ (विशेषण-विशेष्य) चिन्तन हैम संस्कृत-भव्य वाक्य संग्रह लक्ष्मण ना पाडते छते सीता | १०. मयणा प्रभुजीनी सुन्दर आंगी लक्ष्मण रेखा ओलंगे छे । रचे छे | बोट होते छते ते हाथथी समुद्रमां| ११. | प्रभुजीनी भव्य अङ्ग रचना तरे छे जोईने मुग्ध बालको खसता गुलाब होते छते ते मोगराने नथी . सुंघे छे | १२. नूतन जिनालयमां सोनानुं सुन्दर विशेषण-विशेष्य सिंहासन होवू जोईए | १३. शामलिया पार्श्वनाथ. भ. १. नूतन देरासरमां मनोहर मूर्ति लोकोने आकर्षित करे छे जोईने परम शान्ति अनुभवे छे | १४. | भव्याति भव्य पूजनमा २. प्रभुजी- मटकालु मुख भाविको आचार्य भ. पधारे छ निहाले छे. १५. | रवि निर्मल जलथी प्रभुजीनो प्रभुजीना मुखथी झरतुं अमृत | प्रक्षाल करे छे लोको झीले छे १६.. देरासरनी फरती ध्वजा शामलिया पार्श्वनी चमत्कारी लोकोने आकर्षित करे छे प्रतिमा जोईने लोको विस्मय १७. | देरासरना पगथियां खुब लिसा पामे छे नूतन जिनालयनी भव्य प्रतिष्ठा श्याम देरासरमां रंगीन पट कराववा महान् आचार्य भग बनावे छे वन्त पधारे छे | देरासरनो नानो कलस जोईने | त्रिलोकी नाथनी अपरम्पार | | नानो बालक मांगे छे कृपाथी जीवन धन्य बने छ | पार्श्व प्रभुनी करुणा दृष्टिथी काचना विशाल देरासनी लोको आनन्द पामे छे सुन्दरता जोवा विदेशियो पण | नटखट शन्नी गरम स्वादिष्ट आवे छे समोसा खाय छे हर्ष घेली मयणा प्रभुजीने २२. काली बिलाडी ठण्डं दूध सोनाना फूलडे वधावे छे | जल्दी जल्दी पीवे छे मन हरणी प्रभुनी सुन्दर प्रतिमा २३. | देखावडी ढिंगली राजा सामे जोईने लोको क्षण वार संसारने | सुन्दर नृत्य करे छे भूले छे २४. गोल्डन ना दरियानो आनन्द १९.Page Navigation
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