Book Title: Chintan Haim Sanskrit Bhavya Vakya Sangraha
Author(s): Haresh L Kubadiya
Publisher: Haresh L Kubadiya

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Page 111
________________ । १०६ (गौण नाम षष्ठी) चिन्तन हैम संस्कृत-भव्य वाक्य संग्रह ३०७. अमारो व्यापार उपदेश | ३३२. तमारी पूजा न करवी जोईए आपवानो छे ३३३. तमारी साथे (सार्धम् ) (हुं) ३०८. तमारो दाण्डो क्यां छे ? श्लोक बोलुं छु ३०९.मारो दाण्डो खुणामां छे |३३४. तमारी कुशलता जोईने अमे | ३१०. तमारो भाई क्यां रहे छ ? खुश थईए छीए .. ३११. मारो भाई चित्रदुर्गमां रहे छे | ३३५. तमारी सहनशीलतानी अमे ३१२. मारुं रजोहरण छे अनुमोदना करी हती . ३१३. मारो स्वाध्याय छे ३३६. तमारी. दीक्षा क्या थई ?. ३१४. मारो राम क्यारे आवशे ? ३३७.मारी दीक्षा चित्रदुर्गमां थई ३१५. मारो श्याम केम रिसाणो ? | ३३८. अमारी पाठशालाना साहेब ३१६. अमारी नोटबूकमां वाक्यो गुजरातना छे लखाव्यां छे ३३९. तमारी बेन शं करे छे ? . ३१७. मारी बाजुमां शालिनी रहे छे |३४०.मारी बेन दीक्षा ले छे ३१८. मारी मोजडी मोंघी छे ३४९.मारी वात बधाय माने छे ३१९.मारी साडीमां आभला भरेला | ३४२. मारी पासे. अणमोल रत्न छे ३४३. अमारी पासे ज्ञान रूपी धन छे ३२०.तमारी दृष्टि करुणा-भरी छे |३४४.मारी काया कोमल छे ३२१.मारी माता नम्रतावाली छे |३४५. मारी नबळी कळी गुरुदेव ३२२. मारी सखी चञ्चल छे . जाणे छ । ३२३.मारी भक्तिमां खामी छे |३४६. तमारी वाणीमां मीठास छे ३२४.मारी जित थवी जोईए ३४७. तमारी सायकल पडी हती ३२५. अमारी आँखमां आंशुं आवतां | |३४८. तमारी तबियत अनुकूल छे नथी ३४९. माझं दिल नाजुक छे ३२६. तमारी भावना सारी छे |३५०. माझं घर दूर छे ३२७. अमारी पाठशाला सारी चाले | ३५१. माझं मन अकळाय छे ३५२. माझं दुःख कोने कहुं ? ३२८. प्रभु ! तमारी शोभा अनेरी छे | ३५३. अमारुं ग्रुप सारुं छे ३२९. तमारी बेग सुन्दर होवी जोईए | ३५४. माझं भाग्य तेज छे ३३०. तमारी आज्ञा पाळवी जोईए |३५५. तमाळं वचन लोकप्रिय होवू ३३१. तमारी रीत अमने गमे छे जोईए .. . WWW WWW WWW

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