Book Title: Chintan Haim Sanskrit Bhavya Vakya Sangraha
Author(s): Haresh L Kubadiya
Publisher: Haresh L Kubadiya

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Page 112
________________ चिन्तन हैम संस्कृत-भव्य वाक्य संग्रह (गौण नाम षष्ठी) १०७|| ३५६.माझं मन संस्कृतमां जोडायेलु ३८१. तमाऊं कार्य संतोष जनक छे ३८२. तमाळं बोलवा- पूरूं थाय ३५७. तमाझं नाम शुं छे ? त्यारे बीजा बोलशे ३५८. मारुं नाम अपेक्षा छे ३८३. तमाळं मान सांचवq जोईए ३५९. तमारूं घर केयूँ छ ? ३८४. मारूं कहेलुं रीटाए मान्युं हतुं ३६०. माझं घर मोटुं छे ३८५. अमारुं स्वप्न भक्ति-भरेल ३६१. तमारुं मुख सुन्दर छे होवू जोईए ३६२. तमाळं लखाण आकर्षक छे | ३८६. तमाळं नाम नेताओना लिष्टमां ३६३. माझं भणवानुं चालुं छे ३६४. तमारूं नाम मारे जाणवू जाईए ३८७. अमारां गाममां देरासर छे ३६५. तमाळं ध्यान राखq मुश्किल | ३८८. अमारा गाममा हम्मेशा चातु र्मास थाय छे ३६६. तमाळं शरीर तन्दुरस्त होवू ३८९. अमारा वरघोडामां प्रभुजीनो जोईए रथ होय छे ३६७. तमाळं झाड बहु फलदायक छे | ३९०. तमारा बेना सम्वाद साम्भल्यां ३६८. तमाळं निशान जोरदार हतुं ३६९. तमाळं पडवू मुश्केल छे । | ३९१. अमारा तीर्थोनी रक्षा थवी ३७०. तमारुं पारणुं काले छे जोईए . ३७१. अमाझं गाम मोरबी छे | ३९२. अमारा देरासरमां अजैनो पण ३७२. मारूं लेशन पूरूं नथी आवे छे ३७३. माझं मन तपमां छे ३९३. मारा गामने छेडे मोटुं तळाव छे ३७४. तमाळं काम व्यवस्थित छे ३९४. मारा गाममां बसोनी व्यवस्था न हती ३७५. अमारुं ग्रुप नानुं छे । ३७६. तमाझं जीवन धन्य छे ३९५. मारा घरे गुरुजी पधारे छे ३७७. मारुं वाक्य खोटुं नथी | ३९६. मारा घरमां टी. वी. छे ३७८. अमारुं भविष्यमां शुं थशे ? ३९७. मारा घरे धर्मआराधना होवी ३७९. माझं स्थान स्टेशननी पासे छे। जोईए ३८०. अमाझं भणq वडिलोने गमे छ | ३९८. मारा घरमां भगवान हतां

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