Book Title: Chintan Haim Sanskrit Bhavya Vakya Sangraha
Author(s): Haresh L Kubadiya
Publisher: Haresh L Kubadiya

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Page 108
________________ | चिन्तन हैम संस्कृत-भव्य वाक्य संग्रह (गौण नाम षष्ठी) १०३/ छे .. १८९. आदीश्वर दादाना पगलां छे १७०. राक्षस- रूप जोऊईने लोको १९०. समुदायना पात्रा छे । डरे छे १९१. बगीचाना फूलो ( मारे) जोवा १७१. नरकनुं दुःख अति भयंकर छे १७२. स्वर्गनुं सुख देवो अनुभवे छे | १९२. बगीचाना मालीने मळवू १७३. कूवानुं पाणी मीठं छे जोईए १७४.दुःखियानुं दुःख साम्भळवू १९३. बगीचाना फोटा लीधां हतां जोईए | १९४. बगीचाना झुला खुबज सुन्दर १७५./रोगियोना रोगोनं निराकरण करवू जोईए १९५. बगीचाना ससला दोडे छे १७६. पोतानुं स्वाभिमान राखवू | १९६. बगीचाना पगी क्रोधी छे जोईए १९७. बगीचाना पगथियां लीसां छे १७७. सहनशीलता जीवन, सौन्दर्य | १९८. बगीचाना फुवारा कलरींग छे १९९. बगीचाना फुवारामां सङ्गीत १७८. देवोना देव भगवान् छे वागे छे १७९. देवोना नेत्र स्थिर रहे छ | २००. बगीचाना वृक्षो घटादार छे १८०. देवोना हाथमां भगवान्नी | २०१. प्रभुना समवसरणमां बार दाढा हती पर्षदा छे. १८१. देवोना शरीरमां दुर्गन्ध नथी । २०२. राजाना दरबारमा ज्योतिषी १८२. देवोना नायक इन्द्र छे आवे छे १८३. देवोना विमानोना आकार २०३. प्रजाना दीलमां राजा वसेलो जुदा-जुदा होय छे १८४. सर्वार्थ सिद्ध विमनना देवो २०४. महिनाना ३० दिवस थाय छे एकावतारी होय छे । २०५. मोक्षना वासीने अरूपी पणुं १८५. देवलोकना स्वप्न कोने आवे | होय छे २०६.सूर्यना किरणोथी प्रकाश १८६. डायमण्डना चक्षु छे थाय छे १८७. फूलोना गुच्छा छे २०७. मथुरा नगरीना राजा न्यायी छे १८८. गिरिराजना ३५०० पगथियां २०८. बॉम्बेना ट्रस्टी कुंजस छ २०९. सेनापतिना सैनिको युद्ध करे

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