Book Title: Chintan Haim Sanskrit Bhavya Vakya Sangraha Author(s): Haresh L Kubadiya Publisher: Haresh L KubadiyaPage 63
________________ पण |५८ | (सम्भव) चिन्तन हैम संस्कृत-भव्य वाक्य संग्रह पण ९९. | कवि ग्रन्थ लखे पण दोरडा उपर नाचतो इलाची | १००. हुं ५०० आयंबिल करूं पण कुमार पडे पण १०१. व्रतधारी श्रावक गोचरी लावे देवताओ मनुष्य लोकमां आवे | पण पण १०२. गृहस्थ लोच करे पण संदीप बालपणमां कार चलावे | १०३. साहेब १ महिनामां बूक पूरी, पण . करावे पण दादी म.सा. दादानी यात्रा करे | १०४. हुं ६८ उपवास करूं पण पण १०५. आचार्य सर्व संघने सम्भाले दमनो दर्दी विमानमां बेसे पण| पण गुञ्जन घोडा रेसमा प्रथम नम्बर | १०६. मन्दोदरी नृत्य करतां तीर्थंकर आवे पण नामकर्म बांधे पण हाथीना कानमां कीडी पेसे | १०७. आ.भ. नव वर्षना नाना • बालकनुं मुहूर्त काढे पण . सामान्य मुनि ग्रन्थोनी रचना | १०८. चन्दन बाला भगवान्ने पार| करे पण करावे पण | आजे बालकोनुं बहुमान थाय | १०९. ते शान्तिथी भगवान्नी भक्ति पण करे पण हुं प्राकृत भणुं पण | ११०. छ'री प्रालित संघ मद्रासथी कालियो नाग कृष्णने डंख | शिखरजी जाय पण मारे पण | १११. मोर वःसादमां पाँख फेलावी नलराजा दमयन्तीने मुकी जाय नृत्य करे पण पण | ११२. अवधी ज्ञानी अढी द्वीपनी | पक्षालना प्रभावथी कोढ रोग | बहार देखे पण . दूर थाय पण ११३. छ महिनानो बालक दोडे पण | आजना कालमां पक्षीवडे | | ११४. ते ओघानी दशी गणे पण |संदेश अपाय पण | ११५. ते सुन्दर वाक्यो लखे पण | चक्रवर्ती दीक्षा ले पण ११६. राम रहिम साथे दोस्ती करे पण साधु म. सा. भगवती सूत्र ११७. पोपट मरचुं खाय पण भणे पण ११८. हं आचाराङ्ग भंणं पणPage Navigation
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