Book Title: Chintan Haim Sanskrit Bhavya Vakya Sangraha
Author(s): Haresh L Kubadiya
Publisher: Haresh L Kubadiya

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Page 56
________________ | चिन्तन हैम संस्कृत-भव्य वाक्य संग्रह ( हेतुनाम प्रयोजन-रूप) | ५१] १०६. शेरने जोईने शियाल नाशे छे भाविको आवे छे . हेतनाम प्रयोजन- १३. | शिष्योना अभ्यासना प्रयो जनथी गुरुदेवनी उपाश्रयमां रूप स्थिरता छे १. संजय खरिदीना प्रयोजनथी १ १४. | उपाश्रयमां पूजनना प्रयोबजारमा जाय छे जनथी सिद्धचक्रनुं माण्डलुं काढे छे लग्नना प्रयोजनथी सामान विहार करवाना प्रयोजनथी खरीदे छे दीक्षाना प्रयोजनथी गाम जमण | साध्वीजी महाराज साहेब | माणसने बोलावे छे (हे) करे छे दीक्षाना प्रयोजनथी मुमुक्षोनुं १५. क्षुधाना प्रयोजनथी साधु गोचरी वापरे छे बहुमान छे . | तपस्याना पारणाना प्रयोशान्त थवाना प्रयोजनथी| १ | जनथी धर्मशालामां आचार्य नवकार गणे छे भगवन्तना पगलां थाय छे | पोताना रक्षणना प्रयोजनथी | | भक्तिना प्रयोजनथी वन्दन सुरसुन्दरी समुद्रमां पडे छे. । करे छे धन मेलववाना प्रयोजनथी १९. | जयणाना प्रयोजनथी रजोहरण व्यापारी गामो गाम फरे छे । वापरे छे । ८. शील रक्षणना प्रयोजनथी| नर्मदा गांडी बने छे हुं लखवाना प्रयोजनथी बूक ९. आचारांग सूत्र भणवाना प्रयो- | लावू छु | जनथी साध्वीयो जोग करे छे| | २१. | भणवाना प्रयोजनथी हुं जागुं १०. पापनों नाश करवाना प्रयो २२. | बूक मुकवाना प्रयोजनथी हुं जनथी तप करे छे ११. चोमासाना प्रयोजनथी आचार्य | टेबल लावू छु | भाणाववाना प्रयोजनथी | भगवन्त उपाश्रयमा प्रवेश करे | २३. अध्यापक आवे छे २४. | बेल वगाडवाना प्रयोजनथी १२. नव्वा गु यात्रा करवाना वोचमेन आवे छे प्रयोजनथी पादरली भवनमां| | २५. | बालकने स्कूल मुकवाना

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