Book Title: Chintan Haim Sanskrit Bhavya Vakya Sangraha
Author(s): Haresh L Kubadiya
Publisher: Haresh L Kubadiya

Previous | Next

Page 12
________________ चिन्तन हैम संस्कृत - भव्य वाक्य संग्रह ५९. तुं चाले छे ६०. तुं वसे छे युवाम् १. तमे बे नमस्कार करो छो २. तमे बे नृत्य करो छो ३. तमे बे पडो छो ४. तमे बे नाशी जावो छो ५. तमे बे गुस्से थाव छो ६. तमे बे शान्त पाडो छो ७. ८. ९. तमे बे गभरावो छो १०. तमे बे गोखो छो तमे बे दोडो छो बेधो छो ११. तमे बे अटन करो छो १२. तमे बे जीवों छो १३. तमे बे शोक करो छो १४. तमे बे कोप करो : छो १५. तमे बे त्याग करो छो १६. तमे बे तरो छो १७. तमे बे पीडो छो १८. तमे बे लखो छो १९. तमे बे जमो छो २०. तमे बें दोडो छो २१. तमे बे प्रयाण करो छो २२. तमे बे अटको छो २३. तमे बे सिद्ध थावो छो २४. तमे बे विहार करो छो २५. तमे बे शोभो छो २६. तमे बे सेवा करो छो • ( युवाम् ) २७. तमे बे सिञ्चन करो छो २८. तमे बे भागो छो २९. तमे बे प्रवेश करो छो | तमे बे दुःखी थावं छो ३०. ३१. तमे बे शान्त कसे छो ३२. तमे बे खसो छो ३३. तमे बे उभा छो ३४. तमे बे याद करो छो ३५. तमे बे हसो छो ३६. तमे बे पालन करो छो ३७. तमे बे मानता नथी ३८. तमे बे गर्जन करो छो ३९. तमे बे गांडा थावो छो ४०. तमे बे निरीक्षण करो छो ४१. तमे बे निवेदन करो छो ४२. तमे बे परिहार करो छो ४३. तमे बे प्रसंशा करो छो ४४. तमे बे प्रार्थना करो छो ४५. तमे बे लोभ करो छो ४६. तमे बे तिरस्कार करता नथी ४७. तमे बे स्वाद लो छो ४८. तमे बे फेलाव छो ४९. तमे बे विपरीत बोलो छो ५०. तमे बे इच्छा करो छो ५१. तमे बे ताबे थावो छो ५२. तमे बे आबाद थावो छो तमे बे चरो छो तमे बे गीत गावो छो तमे बे जीतो छो तमे बे क्रीडा करो छो ५३. ५४. ५५. ५६. .

Loading...

Page Navigation
1 ... 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 ... 134