Book Title: Chintan Haim Sanskrit Bhavya Vakya Sangraha
Author(s): Haresh L Kubadiya
Publisher: Haresh L Kubadiya

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Page 45
________________ ६२. || ४० (सम्प्रश्न) चिन्तन हैम संस्कृत-भव्य वाक्य संग्रह | आजे आपणे पाँचवागे | | मद्रास करे ? निकलीए के चार वागे | ७६. हुं साहेब पासे संस्कृत शिखं निकलीए ? के कर्मग्रन्थ करूं ? . | हुं विहारमा जोड लऊं के | ७७. हुं गुजराती वाडीमां कल्पसूत्र भगवान् लऊं ? |वांचुं के बारसासूत्र वांचुं ? | ६४. आपणे काले गुरुकुल जईए | ७८. हुं मैसुर गार्डनमां जावं के के पीपरला जईए ? | बेंग्लोर डंगानमां जावं ? ६५. हुं विहारमां पाकिट राखं के | ७९. हुं उद्यानमां बेसुं के फरूं ? | विटलो ? | ८०. | हुं फुल तोडु के पाणी पावू ? ६६. आपणे विहार करीने ८१. हुं मालीने बोलावू के मालणने पालिताणा जईए के सुरत बोलावू ? जईए ? ९०. | हुं फुलनी माला गुंथु के छुटा |आपणे आजे स्कूलमां उत्तरीए | फुल राखं ? के उपाश्रयमां ? | ९१. हुं वेचुं के खरीदूं ? हुं उपाश्रय दादावाडीमां बनाएं | ९२. हुं पुष्प लवू के कुम्पण लवू? के पटालममां बनायूँ ? ९३. हुं गीत गावं के नृत्य करूं ? ६९.. हं ओली वेपेरीमां करूं के | ९४. हु पुष्पमाला चढावं के केसर वाडीमां करूं ? मोगरानी माला चढावं ? ७०. हुं आराधना भवनमां जाप | ९५. हु मित्रोने पुष्प दऊं के मालीने कराऊं के साधारण भुवनमां | दऊं ? कराऊं ? ९६. हुं बगीचामां स्मुं के बेसुं ? ७१. हुं दीक्षा एकली लऊ के | ९७. | | हुं बगीचाने जोईने संतोष पामुं कोईनी साथे लऊं ? के गुरुदेवने जोईने ? दीक्षामां अमे पूजन रखावीए | ९८. | हुं गुलाब लऊ के कमल के वरघोडो चडावीए ? | लऊं? ७३. आचार्य म.सा नव्वाणुं करावे | ९९. हुं गुलाब गीताने आपुं के के चोमासु करावे ? | रीटाने आपुं ? ७४. हुं पौषध करूं के उपवास | १००, हुं महेमानने बगीचो देखाईं के करूं? | म्युझियम ? ७५. गुरुजी होस्पेट चोमासुं करे के १०१ हुं वृन्दावनमा जावू के महा ६८.

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