Book Title: Chintan Haim Sanskrit Bhavya Vakya Sangraha Author(s): Haresh L Kubadiya Publisher: Haresh L KubadiyaPage 10
________________ | चिन्तन हैम संस्कृत - भव्य वाक्य संग्रह ४०. अमे विवाद करीए छीए ४१. अमे दान आपीए छीए ४२. अमे भींजाईए छीए ४३. अमे दुःखी थईए छीए ४४. अमे लखीए छीए ४५. अमे स्पर्श करीए छीए ४६. अमे खीलीए छीए ४७. अमे कम्पीए छीए ४८. अमे आलोटीए. छीए ४९. अमें ललचाईए छीए ५०. अमे मुंझाईए छीए ५१. अमे पोषण करीए छीए ५२. अमे विचारीए छीए ५३. अमे पूजा करीए छीए ५४. अमे शान्त, पाडीए छीए ५५. अमे दण्ड करीए छीए ५६. अमे वर्णन करीए छीएं ५७. अमे तोलीए छीए ५८. अमे शणगारीए छीए ५९. अमे कहीए छीए ६०. अमे गर्जना करीए छीए ६१. अमे पार पामीए छीए ६२. अमे सरकीए छीए ६३. अमे त्याग करीए छीए ६४. अमे शोधीए छीए ६५. अमे रचना करीए छीए ६६. अमे रक्षण करीए छीए ६७. अमे घोषणा करीए छीए ६८. अमे चोरी करीए छीए ६९. अमे सिंचन करीए छीए ( वयम् ) अमे प्रवेश करीए छीए अमे भेटीए छीए अमे क्रोध करीए छीए अमे विहार करीए छीए अमे रडीए छीए अमे उभा छीए ७०. ७१. ७२. ७३. ७४. ७५. ७६. अमे फरकीए छीए ७७. ७८. ७९. ८०. अमे विजय पामीए छीए अमे तरीए छीए अमे छांटीए छीए अमे वांछीए छीए ८१. अमे रहीए छीए ८२. अमे भणीए छीए ८३. अमे पडीए छीए ८४. अमे बोलीए छीए ८५. अमे खाईए छीए ८६. अमे चालीए छीए ८७. अमे जीवीए छीए ८८. अमे आचरीए छीए ८९. अमे निन्दा करीए छीए ९०. अमे सरकीए छीए ९१. अमे सम्भालीए छीए ९२. अमे उडीए छीए ९३. अमे मलीए छीए ९४. अमे जोईए छीए ९५. अमे शोभिए छीए ९६. अमे ध्रुजीए छीए ९७. अमे चमकीए छीए. ९८. अमे प्रकाशीए छीए •Page Navigation
1 ... 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 ... 134