Book Title: Chintan Haim Sanskrit Bhavya Vakya Sangraha
Author(s): Haresh L Kubadiya
Publisher: Haresh L Kubadiya
________________
| ५५.
छीए
Wwww
चिन्तन हैम संस्कृत-भव्य वाक्य संग्रह (अहम्+आवाम्) | ३
अमे बे स्पर्श करीए छीए | अमे बे स्मरण करीए छीए अमे बे खीलीए छीए ५६. अमे बे आजीवीका चलवीए
अमे बे कम्पीए छीए २८. अमे बे आवीए छीए
अमे बे छोडीए छीए |अमे बे नृत्य करीए छीए
अमे बे विवाद करीए छीए अमे बे संतोष पामीए छीए | ५९. | अमे बे दान आपीए छीए अमे बे मुंझाईए छीए
अमे बे निकलीए छीए अमे बे ललचाईए छीए । अमे बे भीजाईए छीए अमे बे पोषण करीए छीए । ६२. अमे बे दुःखी थईए छीए अमें बे विचारीए छीए
अमे बे बोलीए छीए अमे बे पूजा करीए छीए
अमे बे प्रमाद करीए छीए अमे बे शान्त पाडीए छीए अमे बे दीपीए छीए अमे बे दण्ड करीए छीए अमे बे मानीए छीए अमे बे वर्णन करीए छीए अमे बे क्रोध करीए छीए अमे बे जाहेर करीए छीए अमे बे थाकीए छीए अमे बे तोलीए छीए . अमे बे मलिए छीए अमे बे शणगारीए छीए
अमे बे बेसीए छीए अमे बे कहीए छीए
अमे बे पुछीए छीए अमे बे चमकीए छीए
अमे बे आदेश करीए छीए अमे बे शिखीए छीए
अमे बे लखीए छीए अमे बे उल्लंघन करीए छीए अमे बे विचारीए छीए अमे बे दोरीए छीए
अमे बे चोरी करीए छीए अमे बे इच्छीए छीए
अमे बे गणत्री करीए छीए अमे बे परीक्षा करीए छीए अमे बे उडीए छीए अमे बे प्रयाण करीए छीए अमे बे पक्षाल करीए छीए अमे बे प्रसन्न थईए छीए अमे बे गणत्री करीए छीए अमे बे जागीए छीए । | अमे बे इच्छीए छीए अमे बे अनुभव करीए छीए | ८१. | अमे बे घोषणा करीए छीए अमे बे तिरस्कार करीए छीए | ८२. अमे बे रांधीए छीए अमे बे क्रीडा करीए छीए । ८३. | अमे बे प्रश्न पूछीए छीए
Page Navigation
1 ... 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 ... 134