Book Title: Chintan Haim Sanskrit Bhavya Vakya Sangraha
Author(s): Haresh L Kubadiya
Publisher: Haresh L Kubadiya
________________
|| ४ | (वयम्)
चिन्तन हैम संस्कृत-भव्य वाक्य संग्रह ८४. अमे बे पीईए छीए | ११. अमे राज्य करीए छीए
अमे बे शणगार करीए छीए | अमे यत्न करीए छीए . ८६. अमे बे अनुसरीए छीए
अमे साचवीए छीए . अमे बे रचना करीए छीए अमे बनावीए छीए अमे बे मोह पामीए छीए । अमे श्रृंगार करीए छीए अमे बे चिन्तन करीए छीए अमे मुंझाईए छीए अमे बे नमीए छीए
अमे भरीए छीए अमे बे भणीए छीए
अमे भजीए छीए अमे बे पडीए छीए १९. अमे तपीए छीए अमे बे बोलीए छीए
अमे कंटालीए छीए अमे बे खाईए छीए
अमे निकलीए छीए अमे बे चालीए छीए
अमे हारीए छीए... अमे बे जीवीए छीए
अमे रांधीए छीए अमे बे जपीए छीए २४: अमे खुश थईए छीए |९८. अमे बे निंदा करीए छीए अमे चमकीए छीए ९९. अमे बे सरकीए छीए
अमे शिखीए छीए १००. अमे बे तरीए छीए
अमे उल्लंघन करीए छीए १०१. अमे बे प्राकाशीए छीए
अमे दोरीए छीए
| अमे इच्छीए छीए वयम्
अमे परीक्षा लईए छीए १. अमे नमीए छीए
अमे प्रयाण करीए छीए अमे नृत्य करीए छीए
अमे प्रसन्न थईए छीए ३. अमे अभिमान करीए छीए
अमे जागीए छीए ४. अमे युद्ध करीए छीए
अमे अनुभव करीएं छीए अमे मेलवीए छीए
अमे तिरस्कार करीए छीए अमे वहन करीए छीए
अमे क्रीडा करीए छीए अमे विसामो लईए छीए
अमे स्मरण करीए छीए ८. अमे थाकी जईए छीए
अमे आजीविका चत्ववीए अमे शरण लईए छीए १०. अमे वसीए छीए ३९. अमे छोडीए छीए
छीए
Page Navigation
1 ... 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 ... 134