Book Title: Chausaran Painnayam
Author(s): Suresh Sisodiya, Manmal Kudal
Publisher: Agam Ahimsa Samta Evam Prakrit Samsthan

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Page 5
________________ प्रस्तुत प्रकाशन के अर्थ सहयोगी स्व. श्रीमती रतनीदेवीजी नाहटा / संक्षिप्त जीवन परिचय बिरले व्यक्ति ही ऐसे होते हैं जो अपनी वाणी में माधुर्यता, व्यवहार में शालीनता, हृदय में अजस्र करुणा आदि मानवीय गुणों के कारण अपने घर - परिवार एवं समाज में ही नहीं वरन् अन्य जाने - अनजाने लोगों पर भी अपनी अमिट छाप छोड़ जाते हैं। ऐसा ही निर्मल और प्रभावकारी व्यक्तित्व था स्व. श्रीमती रतनीदेवीजी नाहटा का। श्रीमती नाहटा का जन्म 19 अक्टू. 1933 को लाडनूं में रतनगढ़ के एक सम्पन्न वैद परिवार में हुआ। आपके पिता श्री भूरामल जी वैद समाज के अग्रणी श्रावक थे तथा माता श्रीमती गणपति देवी जी वैद आदर्श महिला जीवन की प्रतीक थी। 12 वर्ष की अल्पायु में ही आपका विवाह सरदारशहर के समाजमान्य, उदारमना, दानवीर प्रसिद्ध व्यवसायी श्री श्रीचन्दजी नाहटा के साथ सम्पन्न हुआ। गौरवर्ण, बड़ी - बड़ी करूणापूर्ण आँखें, उन्नत नाक,

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