Book Title: Chausaran Painnayam
Author(s): Suresh Sisodiya, Manmal Kudal
Publisher: Agam Ahimsa Samta Evam Prakrit Samsthan
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________________ सिरिवीरभदायरियविरइयं चडसरणपइण्णयावरणामयं कसलाणुबंधिअज्झयणं (आवस्सयछक्कस्स संखेवेणं अत्थाहिगारा) 'सावज्जजोगविरई 1 उक्कित्तण 2 गुणवओ य. पडिवत्ती 3 / खलियस्स निंदणा 4 वणतिगिच्छ 5 गुणधारणा 6 चेव / / 1 / / (आवस्सयछक्कस्स वित्थरेणं अत्थाहिगारा). चारित्तस्स विसोही कीरइ सामाइएण किल 'इहई / / सावज्जेयरजोगाण वज्जणाऽऽसेवणत्तणओ 1 / / 2 / / दंसणयारविसोही 'चउवीसायत्थएण 'कज्जइ य / अच्चब्भुयगुणकित्तणरूवेणं जिणवरिंदाणं 2 / / 3 / / नाणाईया उ गुणा, 'तस्संपन्नपडिवत्तिकरणाओ / वंदणएणं विहिणा कीरइ सोही उ तेसिं तु 3 / / 4 / / 1. जे आदर्श एतत्प्रकीर्णकप्रारम्भगता एता अष्टौ गाथा न सन्ति / वस्तुत एता गाथा एतत्प्रकीर्णकसम्बन्धिन्यो न भवन्त्येव, नापि कोऽपि विशिष्ट सम्बन्ध एतासा गाथानामनेन प्रकीर्णकेन सह वर्तते , अपि चैतत्प्रकीर्णकमंगल-नामादिप्ररूपिका अमरिंदनरिंद (गाथा9)इति गाथा साक्षाद् विद्यत एव, तथापि इमा गाथा भूम्न्नाऽऽदर्शेषु दृश्यन्ते इति सर्वैरप्याद्दताः सन्ति, अवचूरीकृता पठयन्ते चापीति / / 2, इहयं जे. हं. / / 3. वीसजिणत्थ ह।। 4. किच्चइ सा / / 5.तस्संपुण्ण° हं।।
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