Book Title: Chaturmas Aatmullas Ka Parv Author(s): Devendramuni Publisher: Tarak Guru Jain Granthalay View full book textPage 9
________________ हैं, कूओं का जल स्तर नीचा उतर जाता है। मानव क्या, प्राणी मात्र ही त्राहि-त्राहि करने लगते हैं। भीष्म-ग्रीष्म के कारण हैजा आदि अनेक रोग भी फैलते है । ग्रीष्म ऋतु का वातावरण शारीरिक एवं मानसिक दोनों दृष्टियों से उत्तेजनापूर्ण तथा उद्विग्नता भरा रहता है । __ इन सब उत्तेजनाओं से त्राण दिलाती हैं, आकाश से रिमझिम बरसती बूंदें । कालिदास ने तो अपने मेघदूत काव्य में मेघ को दूत बनाकर ही सन्देश भेजा था। उनका हृदय मेघों के दर्शन मात्र से उत्तरंगित हो उठा था और लेखनी से कमनीय कल्पना प्रसूत होने लगी थी। बादलों की रिमझिम का प्रभाव बच्चों के मन पर भी खूब होता है, उनके तन-मन उमंग से भर जाते हैं, वे हँसते-किलकारी भरते रिमझिम बूंदों में नहाते आनन्दित होते हैं ।Page Navigation
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