Book Title: Chaturmas Aatmullas Ka Parv
Author(s): Devendramuni
Publisher: Tarak Guru Jain Granthalay

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Page 46
________________ जाति के लिए इसे मैत्री दिवस का रूप देना चाहिए । यह पर्व विश्वप्रेम, विश्वबन्धुत्व और वसुधैव कुटुम्बकम् की भावना का साकार रूप है । दशलक्षण पर्व दिगम्बर सम्प्रदाय भाद्रपद सुदी ५ से १४ तक दश दिन का पर्व मनाते हैं। यह पर्व भी आध्यात्मिक है। इसमें भी आत्मा की शुद्धि का ही लक्ष्य रहा हुआ है। अनन्त चतुर्दशी दशलक्षण पर्व का अन्तिम दिन भादवा सुदी १४ अनन्त चतुर्दशी के रूप में मनाया जाता है । इसका संकेत आत्मा की अनंत शक्तियों को उद्घाटित करने का (४)

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