Book Title: Chaturmas Aatmullas Ka Parv
Author(s): Devendramuni
Publisher: Tarak Guru Jain Granthalay

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Page 44
________________ को नया मोड़ दिया । सामाजिक, राजनीतिक, राष्ट्रीय चिन्तन को नई दिशा दी । राजनीति में भी प्रेम, विश्वास और कर्तव्य बोध का पाठ पढ़ाया । भारत के इस महापुरुष के जन्मोत्सव को मनाकर करोड़ों लोग इन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित करते हैं । पर्युषण महापर्व पर्युषण जैन जगत का महान आध्यात्मिक पर्व है । यह भादवा बदी १३ से शुरू होकर सुदी ५ तक -८ दिन का मनाया जाता है । इसे अष्टान्हिक पर्व कहते हैं । यह अपने ढंग का अलग ही पर्व है । इसकी प्रेरणा आध्यात्मिक है । इसमें संग्रह / परिग्रह के त्याग की और चार प्रकार के दान की प्रेरणा है । क्षमा, समता, (४२)

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