Book Title: Chaturmas Aatmullas Ka Parv
Author(s): Devendramuni
Publisher: Tarak Guru Jain Granthalay

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Page 62
________________ सुदी ५ के दिन षट्खंडागम जैसा विशाल ग्रन्थ रचकर संघ को समर्पित किया। कार्तिक सुदी १३ भी स्थानकवासी जैन इतिहास में महत्वपूर्ण है । वि. सं. १९३४ कार्तिक शुक्ला १३ को नीमच शहर में एक महापुरुष का जन्म हुआ था जो जैन दिवाकर प्रसिद्ध वक्ता श्री चौथमलजी महाराज के नाम से विश्रुत हुए। श्री जैन दिवाकर जी महाराज ने जैन शासन की प्रभावना में वह अद्भुत कार्य किये जो शताब्दियों तक याद किये जायेंगे । कार्तिक शुक्ला चौदस को महास्थविर श्री ताराचन्द जी म. की पुण्यतिथि है । मेवाड़ के बम्बोरा ग्राम में आपका जन्म हुआ । पिता शिवलाल जी और माता ज्ञानकुंवर जी । आचार्य श्री पूनमचन्द जी म. के पास माता के साथ दीक्षित हुए । सेवा-विनय-सहिष्णुता की साक्षात् प्रतिमा (६०)

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