Book Title: Chaturmas Aatmullas Ka Parv
Author(s): Devendramuni
Publisher: Tarak Guru Jain Granthalay

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Page 58
________________ (५) सिक्खों के छठे गुरु गोविन्द सिंह द्वारा बन्दीगृह से मुक्त होकर स्वर्णमन्दिर तक की यात्रा करना । (६) दैत्यराज बलि का पाताल गमन । (७) काली द्वारा महिषासुर का दमन । इन विभिन्न घटनाओं के जुड़ने का परिणाम यह हुआ कि दीवाली जन-जन का पर्व बन गया । दिवाली जैसे ज्योति पर्व संसार के अन्य देशों में भी प्रचलित हैं, पर उन-उन देशों की परम्पराओं के अनुसार इसका रूप और मनाये जाने के ढंग में पर्याप्त अन्तर परिलक्षित होता है ।। गौतम प्रतिपदा के रूप में कार्तिक शुक्ला १ जैन समाज में प्रसिद्ध है । इस दिन गणधर गौतम को केवलज्ञान प्राप्त हुआ था । इसी रूप में जैन परम्परा इसे मनाती (५६)

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