Book Title: Chaturmas Aatmullas Ka Parv
Author(s): Devendramuni
Publisher: Tarak Guru Jain Granthalay

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Page 36
________________ महीनों में कई तीर्थंकरों के कल्याणक भी हुए और अनेक महापुरुषों के जन्म भी, जिनके तप, तेज, उदार और विशाल हृदयता, समाज-सेवा तथा संगठन, परोपकार आदि बहुमुखी कल्याणकारक प्रवृत्तियों से जिनशासन चमक रहा है । श्रावण कृष्णा तीज को ग्यारहवें तीर्थंकर श्री श्रेयांसनाथ का मोक्ष कल्याणक, सप्तमी को चौदहवें तीर्थंकर अनन्तनाथ का च्यवन कल्याणक, अष्टमी को इक्कीसवें तीर्थंकर नमिनाथ का जन्म कल्याणक, नवमी को सत्रहवें तीर्थंकर कुन्थुनाथ का च्यवन कल्याणक दिवस है । तीर्थंकरों से सम्बन्धित होने के कारण ये सभी पर्व- दिवस बन गए हैं । अनेक व्यक्ति इन दिनों में विशेष तप- जप करते हैं । (३४)

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