Book Title: Chaturmas Aatmullas Ka Parv
Author(s): Devendramuni
Publisher: Tarak Guru Jain Granthalay

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Page 19
________________ कार्तिकीपूनम तक एक स्थान पर रहकर चार मास तक वर्षावास करते हैं और मध्य के २२ तीर्थंकरों के श्रमण-श्रमणी आषाढ़ी पूनम से संवत्सरी-पयूषण तक वर्षावास करते हैं। इसके आगे यदि आवश्यक हो तो वे रुकते है अन्यथा विहार भी कर सकते लेकिन वर्तमान में अन्तिम तीर्थकर भ. महावीर का शासन चल रहा है और उनके अनुयायी चार मास के वर्षावास की परम्परा का पालन दृढ़ता के साथ कर रहे हैं । चातुर्मास के मुख्य उद्देश्य हैं १. जीवदया अर्थात् जीव-विराधना से बचना २. तपःसाधना उपवास से लेकर ___ लम्बी तपस्या करना (१७)

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