Book Title: Chaturmas Aatmullas Ka Parv
Author(s): Devendramuni
Publisher: Tarak Guru Jain Granthalay

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Page 27
________________ बनाकर धार्मिक शिक्षण देना । धर्म संस्कार देना । इस शिक्षण पाठ्यक्रम का महत्त्व बच्चों में शुभ संस्कार भरना और महिलाओं को धर्म का वास्तविक स्वरूप समझाने में है । दोनों ही रूपों में यह अनिवार्य है । बालक सुसंस्कारी बनेंगे तो नीतिमान नागरिक बनकर सफल जीवन बितायेंगे और साथ ही धर्म के प्रति अभिमुख रहेंगे । महिलाओं को जब धर्म के वास्तविक रूप का ज्ञान हो जायेगा तब समाज में फैली हानिकारक कुरूढ़ियों की जड़ स्वयं ही हिल जायेगी और बच्चों में अच्छे संस्कार स्वतः जागृत होंगे । इस रूप में यह पाठ्यक्रम बहुत लाभप्रद सिद्ध होगा । (२) प्रत्येक पक्ष में कम से कम एक (२५)

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