Book Title: Chaturmas Aatmullas Ka Parv
Author(s): Devendramuni
Publisher: Tarak Guru Jain Granthalay

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Page 30
________________ दी है । जिनमें से मुख्य ये हैं १. चार महीनों के लिए नये नियम ग्रहण करना । २. पूर्व गृहीत व्रतों में और मर्यादा करना । ३. प्रतिदिन व्याख्यान श्रवण करना । ४. प्रतिदिन नियमित सामायिक करना । ५. प्रतिदिन नियमित स्वाध्याय करना । [ जो लोग वर्ष भर नियमित सामायिकस्वाध्याय करते हैं अर्थात् जिन्हें जीवन भर के सामायिक स्वाध्याय का नियम हैं वे इन साधनाओं में अधिक समय लगाएँ । एक सामायिक करते हों तो दो या तीन सामायिक करें, प्रतिदिन घण्टे भर स्वाध्याय करते हों तो चातुर्मास में दो-तीन घण्टे स्वाध्याय करें ।] (२८)

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