Book Title: Chaturmas Aatmullas Ka Parv
Author(s): Devendramuni
Publisher: Tarak Guru Jain Granthalay

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Page 14
________________ भिक्षुओं को वर्षावास में स्थिरवास करने की प्रेरणा कई स्थलों पर दी ।लेकिन काल के अन्तराल से वैदिक साधु संन्यासी और बौद्ध भिक्षुओं में वर्षावास के विषय में शिथिलता आ गई जबकि जैन साधु-साध्वी वर्षावास के नियमों का दृढतापूर्वक पालन करते रहे है। लेकिन साथ ही भारत की ये तीनों परम्पराएँ एक बात में एकमत हैं कि कोई लौकिक शुभ कार्य इन दिनों में नहीं किये जाते । विवाह आदि नहीं होते । वैदिक परम्परा ने इसका कारण यह बताया कि चातुर्मास में देव सो जाते हैं । देव से वैदिक परम्परा में अभिप्राय विष्णु से है । वैदिक पुराणों में उल्लेख है कि विष्णु भगवान आषाढ़ शुक्ला ११ को सो जाते (१२)

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