Book Title: Charitra Puja athva Bramhacharya Vrat Puja
Author(s): Vijayvallabhsuri
Publisher: Bhogilal Tarachand Zaveri

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Page 6
________________ १ जैसे ग्रह नक्षत्र तारोंमें चंद्रमा प्रधान है, वैसेही व्रतोंमें प्रधान व्रत ब्रह्मचर्य है। । २ मणि, मोती, विद्रुम (मुंगा-परवाला) और रत्नोंके उत्पत्ति स्थानों में जैसे समुद्र प्रधान है, वैसेही व्रतोंमें प्रधान ब्रह्मचर्य व्रत है। ___३ जैसे मणियोंमें वैडूर्य मणि-रत्न प्रधान होता है, वैसे ही व्रतोंमें ब्रह्मचर्य प्रधान होता है। ४ जैसे भूषणोंमें मुकुट प्रधान है, वैसे व्रतोंमें ब्रह्मचर्य प्रधान है। ५ जैसे वस्त्रोंमें क्षौमयुगल-कपासका वस्त्र प्रधान माना जाता है, वैसेही व्रतोंमें ब्रह्मचर्य प्रधान माना जाता है। ___६ पुष्पोंमें (फूलोंमें ) जैसे पद्म-कमल प्रधान होता है, वैसेही व्रतोंमें ब्रह्मचर्य प्रधान होता है। ७ सर्व जातिके चंदनोंमें जैसे गोशीर्ष-बावना चंदन प्रधान माना है, वैसेही व्रतोंमें ब्रह्मचर्य प्रधान माना है। ८ जैसे अनेक प्रकारकी औषधि-वनस्पतियोंका उत्पत्तिस्थान हिमवान् पर्वत है, वैसेही आगम प्रसिद्ध आमर्श औषधि आदि अनेक औषधियोंका उत्पत्ति स्थान ब्रह्मचर्य है। ___९ जैसे नदियों में शीतोदा नदी प्रधान मानी जाती है, वैसेही व्रतोंमें ब्रह्मचर्य प्रधान माना जाता है। १० समुद्रोंमें जैसे सबसे बड़ा स्वयंभूरमण समुद्र मानागया है, वैसेही सर्व व्रतोंमें बड़ा प्रधान व्रत ब्रह्मचर्य मानागया है। ११ जैसे मांडलिक-गोलाकार-मानुषोत्तर, कुंडल और रुचकवर इन तीनोंही पर्वतोंमें (तेरहवें रुचकवरद्वीपांतर्गत) रुचकवर पर्वत प्रधान माना है, वैसेही व्रतोंमें ब्रह्मचर्य व्रत प्रधान माना है। १२ जैसे कुंजर-हाथियोंमें ऐरावण इंद्रका हाथि प्रधान गिना जाता है, वैसेही व्रतोंमें ब्रह्मचर्य प्रधान गिना जाता है । १३ जंगलमें रहनेवाले मृग-हरिण आदि पशुओंमें जैसे सिंह प्रधानबड़ा माना जाताहै, वैसेही व्रतोंमें बड़ा-प्रधान ब्रह्मचर्य माना जाता है। Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com

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