Book Title: Charitra Puja athva Bramhacharya Vrat Puja
Author(s): Vijayvallabhsuri
Publisher: Bhogilal Tarachand Zaveri

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Page 19
________________ KOSHO 5064 NAGAR व 50000 ॥ अर्हम् ॥ वन्दे वीरमानन्दम् । श्रीचारित्रपूजा अथवा श्रीब्रह्मचर्यव्रतपूजा ॥ - - दोहरा। जगवल्लभ पारस प्रभु, प्रणमी सदगुरु पाय । नमन करी पूजा रचूं, सिमरी सारद माय ॥ १॥ पूजा श्री ब्रह्मचर्यकी, ब्रह्मस्वरूप निदान । प्रेरक मंगल दास है, पूजा मंगल खान ॥२॥ मूल गुणोंमें है बडो, गुण ब्रह्मचर्य प्रधान । शुभ भावे पालन करे, होवे कोटि कल्यान ॥३॥ सम्यग दर्शन ज्ञान है, सम्यग चरण उदार। तीनों क्षायिक भावसे, करते भवजल पार ॥४॥ Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com

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