Book Title: Bharatvarsh ka Itihas aur Jain Dharm
Author(s): Bhagmalla Jain
Publisher: Shree Sangh Patna

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Page 90
________________ दास्ताने-हिंद, भाग पहला १.खानबहादुर सैयद मकब्लशाह बी० ए० आई०ई० एस० लेखक र इन्सपेक्टर श्राफ बर्नेक्युलर ऐजुकेशन, पंजाब, ( २.शेख मुहम्मद नाज़िर, बी० ए० वी० टी० प्रकाशक--अतरचन्द कपूर ऐंडसंज़, लाहौर, यह पुस्तक उर्दूभाषा में १९२६ ई० में प्रकाशित हुई है। स्कूलों में उर्दू पढ़ने के लिये इसका निर्माण हुआ है । अभी थोड़े दिन हुए श्रीमान् डाइरेक्टर महोदय ने इसे स्वीकृत भी कर लिया है। . इसमें जैनधर्म का वर्णन ठीक वैसा ही भ्रमपूर्ण था जैसा अन्य पुस्तकों में देखा गया है । इसे ठीक कराने के अभिप्राय से निम्मलिखित उर्दू पत्र प्रकाशक महोदय की सेवा में लिखा गया: श्री प्रात्मानन्द जैन सभा, अम्बाला शहर २८।२।२७ मान्यवर मैनेजर साहिब फर्म अतरचन्द कपूर एण्ड संज, लाहौर। आपकी शोया करदो किताब "दास्तानेहिंद-हिस्सा अव्वल", मुसन्निको खान बहादुर सैय्यद मकबूलशाह बी० ए०,आई० ई०एस,व शेखमुहम्मद नाज़िर साहिब,देखी। इसके सफहा ६५ पर (भगवान् ) "महावीर" के मुतअल्लिक

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