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(१०२) के लिर क्या फैसला किया है ? अापने वादा किया था कि
आप बम्बई की आल इण्डिया जैन श्वेताम्बर कान्फ्रेंस से इस सिलसिले में खतो कितावत कर रहे हैं और उन से तसफिया हो जाने पर आप अपना फैसला शाया कर देंगे या दूसरे एडीशन में दुरुस्ती कर देंगे, पस इस वक्त जबकि मुद्दत हुई कान्फ्रेंस की भी सब कार्रवाई मुकम्मल हो चुकी है और वह किताब की शकल में छपकर शाया भी हो चुकी है और गालिबज श्राप के पास पहुंच चुकी होगी, हम यह जानना चाहते थे कि अब आप अपने ग़लत बयानात की तरदीद में क्या कहना चाहते हैं । बराय मेहरबानी आप मुफस्सिल हालात से
आगोह फरमावे अगर आप मुनासिब समझ तो किसी वक हमें अम्बाला शहर या छावनी के स्टेशन पर मिलने की इजाजत दें। हम आप के मशकूर होंगे।
न्याज़मन्द हु0 गोपीचन्द वकील
प्रधान (लाला जी का उत्तर )
लाहौर, यकम नवम्बर, १९२६ । लाला गोपीचन्द साहिब !
श्राप की रजिस्टरी शुदह चिट्ठी मुतालिका मेरी तारीखे हिन्द मुझे अभी मिली है, मैं आप को यह इत्तला देना चाहता