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भैरव पद्मावती कल्प
पूर्वोक्ताक्षरसंस्थाने लेखिन्याकापक्षयोः। । " 'मान्त विसर्गसंयुक्त प्रेताङ्गारविषारुणः ॥९॥ घूकारिबिष्टा संयुक्त जे यन्त्र सनामकम् । . .. लिखित्वोपरि वृक्षाणां बद्धमुच्चाटन रिपोः ॥ १०॥ . . भा० टी०-उपरोक्त यन्त्रमें कौवेके पङ्घकी कळमके द्वारा स्मशानभूमिके अंगारे, विष, कौवेके रक्त (!) और कौवेकी वीटसे 'य' के स्थानमें 'यः' को नाम सहित ध्वजाके ऊपर लिखकर बहेड़ेके पेड़पर बांध देनेसे शत्रुका उच्चाटन होता है।
यन्त्र सख्या ९ उच्चाटन में हं रंजिका यन्त्र
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भने
स्वाहा।
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देवदतः
naमिदञ्चारमा