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हैं भैरव पद्मावती कल्प
यन्त्र संख्या ३२ वश्य यन्त्र प्रथम
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निटिकतेच
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टिकत य/4
का पोपको हो
निटिसक्षम लेप को
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निटिल सम/ पहा है की
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ब्लें तत्त्वकूटेन्दुवृतं स्वनाम तद्वाझभागेष्टदलाजपत्रम् । पत्रेषु पद्मावरमूलमत्रं वेष्टयं तदाकर्षणपल्लवेन ॥ ६॥