________________
भैरव पद्मावती कल्प
MARLEE
नाम विगर्भितं बहिरा बिखेच्छखिमण्डलं, रेफमन्त्रवृतं स्मशानखर्परे बिल्लिखेदिदम् ।
तापयेत्खदिराग्निना हिमकुकमा दिरादरा
[ ६५
दानयत्यवळां बलाद्दिनसप्तकैर्मद दिन्इलाम् ॥ १९ ॥
भा० टी० - नामको ह्रोंके अन्दर लिखकर उसके बाहिर अग्नि मण्डल बनावे, उसके चारों ओर रकार लिखकर निम्नलिखित मन्त्र स्मशानके खप्परपर चन्दन, केशर आदि से आदरपूर्वक लिखकर यदि खैर के अंगारोंपर तपावे तो खो सदसे fear होकर सात दिनके अंदर २ आजाती है ।
मन्त्रोद्वार
ॐ नमो भगवति चण्डकात्यायिनि सुर्मंग दुर्भगयुवति जननाकर्षय२ ॐ ह्रीं र यूँ संचौषट् देवदत्तायां हृदय घे घे ।
इति भैरवपद्मावती कल्पकी भाषाटीका में "स्त्री आकर्षणयन्त्राधिकार" नामक षष्ठम परिच्छेद समाप्त ॥ ६ ॥