Book Title: Bhagvana Rushabhdev Diwakar Chitrakatha 002 Author(s): Subhadramuni, Shreechand Surana Publisher: Diwakar Prakashan View full book textPage 6
________________ भगवान ऋषभदेव कुमार ऋषभ लगभग एक वर्ष के हुये तब एक दिन देवराज इन्द्र हाथ में इक्षु (गन्ना) लेकर आये। इक्षु के प्रति बालक का आकर्षण देखकर देवराज बोले इस वंश का नाम "इक्ष्वाकु" वंश प्रसिद्ध होगा। E युवा होने पर ऋषभ कुमार ने सुनन्दा और सुमंगला नामक कन्याओं के साथ विवाह करके समाज में सर्वप्रथम विवाह परम्परा चालू की। 20 Jain Education International इनसे भरत, बाहुबली आदि सौ पुत्र तथा ब्राह्मी एवं सुन्दरी नामक दो कन्याएँ उत्पन्न हुईं। .S. c कुमार ऋषभ ने मानव समाज के चतुर्मुखी विकास के लिए लोगों को युद्ध विद्या, कृषि, गणित, लिपि, वाणिज्य तथा बर्तन निर्माण आदि कलाओं का प्रशिक्षण दिया। For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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