Book Title: Bhagvana Rushabhdev Diwakar Chitrakatha 002
Author(s): Subhadramuni, Shreechand Surana
Publisher: Diwakar Prakashan

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Page 21
________________ भगवान ऋषभदेव भगवान ऋषभदेव का केवल महोत्सव मनाकर सम्राट भरत अपनी।।भरत ने विचार कियाराजधानी में आये और आयुधशाला में जाकर चक्ररत्न की पूजा की। अब मुझे दिगविजय के लिये प्रस्थान करना चाहिये। OG GOOG षट्खण्ड भारत पर अपनी विजय वैजयन्ती फहराने के लिये भरत ने विशाल सेना के साथ प्रस्थान किया। I ca अनेक वर्ष पश्चात् जब भरत दिग्विजय करके अयोध्या वापस आये तो अयोध्या में विजय महोत्सव मनाया गया। छह खण्ड में अपना एक छत्र राज्य स्थापित कर भरत प्रथम चक्रवर्ती सम्राट बने। 19 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jalnelibrary.org

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