Book Title: Bhagvana Rushabhdev Diwakar Chitrakatha 002
Author(s): Subhadramuni, Shreechand Surana
Publisher: Diwakar Prakashan

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Page 27
________________ भगवान ऋषभदेव सर्वप्रथम दृष्टि-युद्ध प्रारम्भ हुआ। भरत-बाहुबलि फिर वाग् युद्ध हुआ। दोनों ने भयंकर सिंहनाद किया। दोनों एक-दूसरे को आँखें फाड़कर बिना पलक अश्व, हाथी आदि जानवर घबराकर युद्ध भूमि से झपकाये अनिमेष घूरते रहे। संध्या होते-होते भरत की भागने लगे। वाग् युद्ध में भी भरत पराजित हुए। पलकें झपक गईं। G Ecoo 6000 दृष्टि युद्ध में भरत हार गये। तीसरे दिन बाह युद्ध (कुश्ती) का निर्णय हुआ। भरत ने बाहुबलि को अपनी भुजाओं में जकड़ लिया। बाहुबलि ने भरत के सिर पर दण्ड मारा जिससे भरत गले तक जमीन में धंस गये। 000ER IPANAANI भरत बाहुबलि की छाती पर बैठ गये।। बाहुबलि ने भरत को आकाश में उछाल दिया। भरत वापस धरती पर गिरने लगे तो बाहुबलि ने उन्हें अपनी भुजाओं में लपक लिया। और इस तरह बाहु युद्ध में भी भरत की हार हुई। Jain Education International 25 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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