Book Title: Bhagavana Mahavira Hindi English Jain Shabdakosha
Author(s): Chandanamati Mata
Publisher: Digambar Jain Trilok Shodh Sansthan
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अ + उ + म् = ओम्
अरिहंत भगवान की दिव्य ध्यनि का प्रतीक ॐ शब्द है. इसके अंदर पूरी दिव्य ध्वनि का सार छिपा है । देवनागरी लिपि के प्रथम अक्षर 'अ' से इस ॐ का निर्माण प्रारंभ हुआ है । यह परम ब्रा का वाचक मंत्र सर्व संप्रदाय मान्य है तथा स्वर और व्यंजन की संपूर्ण वर्णमाला भी इसमें समाविष्ट है, क्योंकि भिव्य ध्वनि जब ओंकार रूप से प्रगट होती है लो समवसरण में बैठे असंख्य प्राणी अपनी - अपनी भाषा में उसे समझा लेते हैं । उसी द्वादशांग जिनवाणी के अंश रूप में आज संपूर्ण जैन साहित्य उपलब्ध है, उस साहित्य को हिन्दी व अंग्रेजी में समझने के लिए इस 'भगवान महावीर हिन्दी-अंग्रेजी जैन शब्दकोश' का प्रस्तुतीकरण | किया जा रहा है।
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