________________
हुई है । इस प्रकार महावीर के जीव ने अपनी माता के ऐसे इच्छित और मनोगत सकल्प को जानकर फिर से अग-सचालन आरम्भ कर दिया । माता पुन. हर्षित हो गई । उसका रोम-रोम कमल की भाति विकसित हो गया । अपनी माता के प्रगाढ स्नेह के कारण ही भगवान महावीर ने गर्भ मे ही प्रतिज्ञा की थी कि जब तक मेरे माता-पिता जीवित है तब तक मैं गृहत्याग कर श्रमणत्व की दीक्षा ग्रहण नही करू गा।