Book Title: Bai Ajitmati aur Uske Samkalin Kavi
Author(s): Kasturchand Kasliwal
Publisher: Mahavir Granth Academy Jaipur

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Page 274
________________ यशोधर रास सप्तम अधिकार भास पदललजीनी - राम रामगिरी कोलवाल का राजा के पास प्रामा तिथि अवसरि तिहो प्राथयो । पटुलडीए । रायतणो कोटवास । सलं रणगाडीए । भी दीठो तीहां तिरिण रूवडा । पर । हाये लीयां ततकाल 1 सलं गडीए ।।१।। लेई करी ते बालयो। पंट | रायनि भेटानि काज स। राजा आगल माहे घरपा ।१०। हरपो जसोमती राज | | ब्रह्म दीढी मोह उपनो ५०। वली वली जूई राय ।स। करें करी अली पंपू पालयां पापुर स्नेह पसाय स॥३।। ये ब्रह्म पाली पोतो करयो प० ते अह्म करे संभाल ।स० प्रवलीगत जूउ करम तरणी ।प० ते करि प्रह्म प्रतिपास स||४11 राय रली प्रायन बोलीयो ।प०। भलो कूकडा सूध ।स। राखो राय कही अती सडी परे 1401 भला करमेतो युध ।स०॥५॥ कोटवाल ने प्री सोपयां ।प। पोळां करे वा काज सग कोटबाल घिर सेइ गयो ।५०) राख्यां पाजरा ठाम स०॥६|| कण चणं मी प्रति घणं, प०। पीयू कडू नीर हा दिन दिन डीले वाधयो ।प०। यौबन पाम्यां धीर स॥५॥ टं कड़ी कोटवा सो भने पाचरण कठण कंटाल ।स। माहोमाहिं वदंतमं ।१०। रीस भरया जेम काल ।सा। मधुरि स्वरे बली दासता ।१०१ राती सीखा ललकंत सग कोटवाल घिरे सहू जणां 140 घणं, अशा जतन करत ।स०६॥ यशोमती का बन क्रीम के लिये प्रस्थान एकबार जसोमती 14 चालु बन मंझार स] मंतेउर सूमनरली ।प। श्रीडा करवा उदार स०१०॥ पढो वजाग्यो ते लापन कम हो नाद नीसारण ।स। भागो परी हृदय घट ।१०। उलया वरी ग्राण ।स०॥११॥

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