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| 34.
ठक्कुर जिनदेव
मदनपराजय
14 - 15 वीं
| 35.
सिंह
निबन्ध
1471 ई.
36.
यश कीर्ति मुनि
जगत सुन्दरी प्रतियोगिता
15 वी श.
37.
पं. जिनदास
वैद्यक ग्रंथ (नाम अज्ञात)
38.
नयनसुख
वैद्यमनोत्सव, सन्निपात
1592 ई. कलिका, सालोन्तरास कोक शास्त्र चतुष्पदी (कोककला 1600 ई. चौपाई)
39.
नर्बुदाचार्य
संस्कृत संस्कृत । उपलब्ध अप्रकाशित
सं. 7573 की हस्तप्रति मौजूद - जैन आयुर्वेद साहित्य का इतिहास, डा.
राजेन्द्र भटनागर, पृ.105 " अपूर्ण प्रति " .
जैनों द्वारा रचित हिन्दी के पद्यमय उप.
वैधक ग्रंथ, अगरचन्द्र नाहटा, पृ. 185 प्राकृत उपलब्ध प्रकाशित
हस्तप्रति भ.ओ.रि.इ. पूना इंस्टीट्यूट में - धुलिया से एस.के. कोटेचा द्वारा प्रकाशित, जिनरत्नकोष भाग - 1, पृ.
128 _ - जिनदास कृत होजीकारेणु चरित्र में
इसका उल्लेख हिन्दी अनु. 2-3,वैद्यमनोत्सव
प्रशस्ति संग्रह भाग - 1, पृ. 32, 63 (छन्दोबद्ध) उप.1 प्रकाशित
से 67 हिन्दी उपलब्ध अप्रकाशित कामशास्त्र भंडारकर रि.इ.पूना में हस्तप्रति
विषयक उपलब्ध, जैन गुर्जर कविओं, भाग - 1,
पृ. 323 - 325 संस्कृत
ज्वर चिकित्सा जैन साहित्य का वृहद् इतिहास,
ज्योतिष भाग - 5, पृ. 180 गुजराती
रोग चिकित्सा जैन गुर्जर कविओं भाग-1 संस्कृत " मुद्रित
जैन आयुर्वेद साहित्य का इतिहास, डा. राजेन्द्र भटनागर, पृ. 107 भंडारकर ओ.रि.इ. पूना में हस्तप्रति ग्रंथांक 185, 1073, 1886-92, अनूप संस्कृत लाइब्रेरी, बीकानेर में
भी हस्तप्रति संग्रहीत " प्रकाशित
वेंकटेश्वर प्रेस मुम्बई से 1940 में " " . स्त्री रोग भ.ओ.रि इ. पूना में संग्रहीत The Jain
Antiguary Vol. XIII No.1, 1947, p.100
40.
जयरत्नगणि
ज्वरपराजय, दोषरत्नावली
1605
लक्ष्मीकुशल श्रीकण्ठ सूरि
वैद्यकसार रत्नप्रकाश वैद्यकसार संग्रह (हितोपदेश)
1637 16वीं श.
42.
3.
पूर्णसेन
योगशतक पर संस्कृत टीका
अर्हत् वचन, जुलाई 2000
हर्षकीर्तिसूरि हस्तिरुचि
1605
योगचिंतामणी वैद्यवल्लभ
योगचिंतामणी
1605 1669 ई.
45.