Book Title: Arhat Vachan 2000 07
Author(s): Anupam Jain
Publisher: Kundkund Gyanpith Indore

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Page 89
________________ भगवान महावीर की 2600 वीं जयन्ती भगवान महावीर की 26 सौवीं जन्म - जयंती के ऐतिहासिक अवसर को राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर मनाने के लिये देश की समग्र जैन समाज के एक केन्द्रीय संगठन के रूप में भगवान महावीर जन्म कल्याणक महोत्सव महासमिति का गठन किया गया है। इसके अध्यक्ष सुप्रसिद्ध समाजसेवी श्री दीपचन्द गार्डी, मुम्बई तथा कार्याध्यक्ष टाइम्स आफ इंडिया की चेयरमैन श्रीमती इन्दु जैन हैं। महासमिति का कार्यालय नई दिल्ली में रहेगा तथा महासमिति इस महोत्सव के लिये भारत सरकार द्वारा गठित राष्ट्रीय समिति को कार्यक्रमों में सहयोग देगी तथा सामाजिक स्तर पर इसके अन्तर्गत प्रत्येक राज्य में जन्म कल्याणक समितियां गठित की जायेंगी। केन्द्रीय समिति के अन्य पदाधिकारियों में श्री एस. सी. शाह व श्री मांगीलाल सेठिया को उपाध्यक्ष, साहू रमेशचन्द जैन व श्री एल.एल. आच्छा को जनरल सेक्रेटरी तथा श्री राजकुमार जैन को कोषाध्यक्ष चुना गया है। यह समिति महोत्सव वर्ष के लिये ऐसा व्यापक कार्यक्रम तैवार कर रही है जिससे भगवान महावीर के उपदेशों का व्यापक प्रचार - प्रसार हो सके और साथ ही पर्यावरण, सामाजिक शांति, सद्भाव, स्वास्थ्य, शिक्षा एवं लोक सेवा के क्षेत्र में व्यापक रूप से जन कल्याणकारी कार्यक्रम क्रियान्वित हो सकें। महोत्सव समिति की कार्य सूची में जो विशेष कार्यक्रम नियोजित किये गये हैं उनके अन्तर्गत मुख्य है - भगवान महावीर की स्मृति में डाक टिकिट, प्रथम दिवस आवरण, सिक्कों आदि को जारी कराना तथा विशेष रेल गाड़ियां चलवाना, अहिंसा व शाकाहार के प्रचार के लिये प्रदर्शनियों का आयोजन, अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर महोत्सव में सम्मिलित होने के लिये यूनेस्को से अनुरोध, मानव - सद्भावना के वातावरण की दृष्टि से सर्वधर्म मैत्री शिखर सम्मेलन की आयोजना, कैदियों की रिहाई, भगवान महावीर के नाम पर एक विश्वविद्यालय, राजमार्ग, अस्पताल, उद्यान आदि का नामकरण, भारतीय संस्कृति के अध्ययन की दृष्टि से जैन विद्या के राष्ट्रीय शोध केन्द्रों की स्थापना, पाठ्यपुस्तकों में जैन धर्म तथा भगवान महावीर के विषय में लिखी मिथ्या बातों को निकलवाना तथा संशोधित कराना, वैशाली में स्मारक की स्थापना, जैन दर्शन के विषय में विविध भाषाओं में पुस्तकों का प्रकाशन, देश से मांस निर्यात को बन्द करने पर बल, महावीर के उपदेशों का दूरदर्शन, समाचार पत्र आदि के माध्यम से प्रचार - प्रसार, जैन दर्शन की तुलनात्मक विवेचना के लिये विद्वत गोष्ठियों का आयोजन, जन-कल्याणकारी कार्यक्रमों के अन्तर्गत असहाय व निर्बल वर्ग की मदद, जैन जीवन शैली एवं नैतिक शिक्षा के आधार पर पब्लिक स्कूलों की स्थापना, पर्यावरण की रक्षा के लिये वृक्षारोपण, जल संसाधनों का संरक्षण, पशुओं के प्रति अत्याचारों को रुकवाना, समाजिक उत्थान के लिये समाज के युवा उद्यमियों, कमजोर वर्ग की महिलाओं, विकलांगों, विधवाओं आदि की मदद, गोशालाओं की स्थापना, जैन तीर्थक्षेत्रों का पर्यावरण की दृष्टि से विकास, होटलों व विमानों में जैन भोजन की व्यवस्था पर बल, जैन संस्कृति की रक्षा के लिये संग्रहालयों की स्थापना आदि। दिल्ली में स्थित भगवान महावीर केन्द्र विभिन्न धर्मों के तुलनात्मक अध्ययन एवं शोध केन्द्र के रूप में कार्य करेगा (देखें मुखपृष्ठ)। विभिन्न शहरों में इसकी शाखायें रहेंगी। ___जन्मकल्याणक महोत्सव समिति की एक बैठक यहाँ श्रीमती इन्दु जैन के निवास पर श्री दीपचन्द गार्डी की अध्यक्षता में हुई जिसमें इन सभी कार्यक्रमों को स्वीकार करते हुए महोत्सव को अत्यन्त भव्य स्तर पर मनाने का संकल्प व्यक्त किया गया। अर्हत् वचन, जुलाई 2000

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