Book Title: Arhat Vachan 2000 07
Author(s): Anupam Jain
Publisher: Kundkund Gyanpith Indore

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Page 86
________________ हम अहिंसक एवं सभ्य हैं, सड़कों पर उतरना या उत्तेजनापूर्ण बयानबाजी, विज्ञप्तियां देना हमारा चरित्र नहीं है और फिर इस घटना ने तो हमें नये सिरे से कुछ सोचने हेतु जाग्रत किया है और वह यह कि कमजोरी हमले को स्वाभाविक तौर पर न्योता देती है तथा कमजोरी तभी होती है जब हममें मतभेद होकर आपसी एकता तथा उसकी मजबूती का अभाव होता है, अत: परम्परानुसार जैसा कि हम विघ्न आने पर तथा किसी नई शुरूआत के अवसर पर सर्वप्रथम प्रभु की स्तुति एवं आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। उसी अनुसार भगवान आदिनाथ प्रभु की 24 घंटे की अखंड स्तुति करने का निश्चय किया है, इस संकल्प के साथ कि हमारी एकता इतनी मजबूत बने जिससे कि इस तरह के विध्न नहीं आवें। डॉ. हीरालाल जैन जन्म शताब्दी समारोह सम्पन्न कालिदास अकादमी एवं डॉ. हीरालाल जैन जन्म शताब्दी समारोह समिति द्वारा संयुक्त रूप से 17-18 जून 2000 को उज्जैन में डॉ. हीरालाल जैन जन्म शताब्दी समारोह मनाया गया। 2 सत्रों में सम्पन्न इस कार्यक्रम के प्रथम सत्र में न्यायमूर्ति श्री एन.के. जैन की उपस्थिति उल्लेखनीय रही। द्वितीय सत्र की अध्यक्षता की पूर्व सांसद श्री महेश दत्त मिश्र ने एवं मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे वरिष्ठ पत्रकार श्री अवन्तीलाल जैन। विशेष अतिथि के रूप में इन्दौर से पधारे डॉ. नेमीचन्द जैन, सम्पादक-तीर्थंकर तथा डॉ. अनुपम जैन, सम्पादक - अर्हत् वचन ने अपना उद्बोधन दिया। डॉ. अनुपम जैन ने डॉ. हीरालाल जैन के जैन गणित के अध्ययन के क्षेत्र में दिये गये परोक्ष अवदान की विस्तार से चर्चा की। जबलपुर से पधारे डॉ. धर्मचन्द जैन तथा डॉ. राजेन्द्र त्रिवेदी ने भी सभा को सम्बोधित किया। बधाईयाँ सुश्री सरोज चौधरी को पीएच.डी. कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ की शोध छात्रा सुश्री सरोज चौधरी को उनके शोध प्रबन्ध 'प्रमुख जैन पुराणों में प्रतिपादित राजनीति का समीक्षात्मक अध्ययन' पर डॉ. उषा तिवारी के मार्गदर्शन में देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, इन्दौर ने राजनीति विज्ञान विषय पर पी.एच.डी. की उपाधि प्रदान की है। श्री लालचन्द्रजी राकेश 'धर्म दिवाकर' की उपाधि से विभूषित श्री 1008 भगवान शीतलनाथ दिगम्बर जैन मन्दिर ट्रस्ट समिति, सांची द्वारा आयोजित श्री मज्जजिनेन्द्र पंचकल्याणक प्रतिष्ठा एवं गजरथ महोत्सव में सक्रिय सहयोग तथा उनकी पाँच दशक की धर्म, समाज एवं साहित्य की समर्पणयुक्त अमूल्य सेवाओं के लिये तीर्थंकर ऋषभदेव जैन विद्वत् महासंघ के वरिष्ठ सदस्य पंडित लालचन्द्र जैन 'राकेश', गंजबासौदा को 'धर्म दिवाकर' की उपाधि से अलंकृत किया गया। - अनिलकुमार जैन 'अनुराग', गंजबासौदा कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ परिवार की ओर से हार्दिक बधाई। 84 अर्हत् वचन, जुलाई 2000

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