Book Title: Anuyogdwar Sutram Part 01
Author(s): Kanhaiyalal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti

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Page 4
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir श्री. अनुयोगद्वारसूत्र भाग पहेले की विषयानुक्रमणिका अनुक्रमाङ्क विषय पृष्ठांक -१ मंगलाचरण २ विषयों का विवरण .३ पांच प्रकार के ज्ञान के स्वरूप का निरूपण १३-२९ ४ श्रतज्ञान के स्वरूप का निरूपण ३०-५७ ५ आवश्यक के अनुयोगस्वरूप का निरूपण ५८-६० ६ आवश्यक के निक्षेप का निरूपण.. का निरूपण ६१-६३.. ७ नामावश्यक के स्वरूप का निरूपण ६४-७२ ८ स्थापनावश्यक के स्वरूप का निरूपण ७२-७७. ९ नामावश्यक और स्थापनावश्यक के भेद का कथन ७८-८५ १. द्रव्यावश्यक का निरूपण ८६-१०१ ११ नयभेद से द्रव्यावश्यक के स्वरूप का निरूपण १०२-११५ १२ नो आगम से द्रव्यावश्यक का निरूपण ११६-११९ १३ ज्ञायक शरीर द्रव्यावश्यक का निरूपण ११९-१२६ १४ भव्यशरीर द्रव्यावश्यक निरूपणम् १२७१५ ज्ञायक शरीर भव्य शरीर व्यतिरिक्त द्रव्यावश्यक का निरूपण १३१-१३२ १६ लौकिक द्रव्यावश्यक का निरूपण १३२-१४१ १७ कुमावनिक द्रव्यावश्यक का निरूपण १४२-१५० १८ ज्ञायक शरीर भव्यशरीर व्यतिरिक्त लोकोत्तरीय घ्यावश्यक का निरूपण १५०-१५१ १९ भावावश्यक का निरूपण .. १५९-१६४ २०. नो आगम भावावश्यक का निरूपण १६४-१६८ For Private and Personal Use Only

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