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श्री.
अनुयोगद्वारसूत्र भाग पहेले की
विषयानुक्रमणिका अनुक्रमाङ्क विषय
पृष्ठांक -१ मंगलाचरण
२ विषयों का विवरण .३ पांच प्रकार के ज्ञान के स्वरूप का निरूपण
१३-२९ ४ श्रतज्ञान के स्वरूप का निरूपण
३०-५७ ५ आवश्यक के अनुयोगस्वरूप का निरूपण
५८-६० ६ आवश्यक के निक्षेप का निरूपण.. का निरूपण
६१-६३.. ७ नामावश्यक के स्वरूप का निरूपण
६४-७२ ८ स्थापनावश्यक के स्वरूप का निरूपण
७२-७७. ९ नामावश्यक और स्थापनावश्यक के भेद का कथन ७८-८५ १. द्रव्यावश्यक का निरूपण
८६-१०१ ११ नयभेद से द्रव्यावश्यक के स्वरूप का निरूपण १०२-११५ १२ नो आगम से द्रव्यावश्यक का निरूपण
११६-११९ १३ ज्ञायक शरीर द्रव्यावश्यक का निरूपण
११९-१२६ १४ भव्यशरीर द्रव्यावश्यक निरूपणम्
१२७१५ ज्ञायक शरीर भव्य शरीर व्यतिरिक्त द्रव्यावश्यक का निरूपण १३१-१३२ १६ लौकिक द्रव्यावश्यक का निरूपण
१३२-१४१ १७ कुमावनिक द्रव्यावश्यक का निरूपण
१४२-१५० १८ ज्ञायक शरीर भव्यशरीर व्यतिरिक्त लोकोत्तरीय
घ्यावश्यक का निरूपण १५०-१५१ १९ भावावश्यक का निरूपण ..
१५९-१६४ २०. नो आगम भावावश्यक का निरूपण
१६४-१६८
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