Book Title: Anuyogdwar Sutra Part 02 Author(s): Kanhaiyalal Maharaj Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti View full book textPage 8
________________ ५९ जघन्य संख्येयक का निरूपण ६० नव प्रकार के संख्येयक का निरूपण ६१ आठ प्रकार के अनन्तक का निरूपण ६२ भावसंख्या प्रमाण का निरूपण ६३ वक्तव्यता द्वार का निरूपण ६४ अर्थाधिकार द्वार का निरूपण ६५ समवतार द्वार का निरूपण ६६ क्षेत्रसमवतार आदि का निरूपण ६७ निक्षेपद्वार का निरूपण ६८ अक्षीण का निरूपण ६९ आयनिक्षेप का निरूपण ७० क्षपणा का निरूपण ७१ नाम निष्पन्न का निरूपण ७२ सूबालापक निष्पन का निरूपण ७३ अनुगम नाम अनुयोगद्वार का निरूपण ७४ सूत्रस्पर्शक नियुक्त्यनुगम का निरूपण ७५ नय के स्वरूप का निरूपण ७६ शास्त्र मशस्ति ॥ समाप्त॥ ६४८-६६२ ६६२-६७५ ६७६-६८४ ६८५-६८७ ६८७-७०२ ७०३-७०४ ७०४-७१३ ७१४-७३१. ७३१-७४० ७४१-७४९ ७४९-७१४ ७५४-७५७ ७५८-७७० ७७०-७७३ ७७४-८५९ ८५९-८७१ ८७१-९१० ९११-९१२Page Navigation
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