Book Title: Anusandhan 2011 06 SrNo 55
Author(s): Shilchandrasuri
Publisher: Kalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad

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Page 14
________________ अनुसन्धान-५५ मुणिअणगणगयणंगणि गयणमणीसमकाया संतु अजिअसंति जिणवरराया विरइअसाया ॥२७॥ चित्तक्खरा ॥ त्रिभिः कुलकम् ॥ पाव पाव भाव आव आव वाव आव गाव नाव नाम जावए सव्वदेव सारसेव णेगहेव णेगदेव देवदेव पुहविदेव पावबहुललेवखवए। तिलोगलोगरोगसोगविप्पओगभोगजोगसोवओग जोग संगदायए अजिअसंतिणायए ॥२८॥ नाराओ ॥ निमिमो निरवाए, महिमासमवाए । मम यारयवाए अमिओवमवाए ॥२९॥ नंदिअयं ॥ युग्मम् ॥ समवीसवाया - - - - - आवणा सिअ परमेसरया णीसरिअअसाया ॥ सुविहिअवीसा वीसु असिसा, सारयससिसमभासिअआसा । अजिअमुणीसर-संतिमुणीसा, दितु सुहं मह पूरिअआसा ॥३०॥ भासुरयं ।। रोसदोसपोसमोसघोसकोसजोसजोसमोसतोसपोसया, असमसदेसदेसआसिअ सुविसेसलेसभासिअ सुवसेस सुसमदेसईसतोसया। अभंगमंगुलंगसागरंगजंगजम्मरंगआगरंगनंगवग्गुवंगसंगसारवंगचंगभंगभंगलिंगमंगअंतरंगरंगरंगरंजिआ, लसंतु वंतु वेत जंतु मंतु प(पं)तिसंति पसिअ अजिअ-संतितित्थवा अनंतसत्तिकित्तिजुत्तिराजिआ ॥३१॥ नाराओ ॥ तुम्ह नामेहिं मह अब्भहिअसंपया, तुम्ह नामेहिं मह आमनिवहा हया । तुम्ह नामेहिं चिंता महमभिहया, तुम्ह नामेहिं मह अंतहिअ आवया ॥३२॥ ललिअयं ॥ जुअलं ॥ अजिअसुसंती असिवुवसंती संचिअसंती अवहयसंती । सेवे संतीकयभयपंती गइहयदंती स(सु)रवरकंती ॥३३॥ वाणवासिआ ॥ जेहिं मोहनिवहा समाहया जे अ सिद्धिपहसत्थवाहया । संतु ते अजिअसंतिनाहया अम्ह कम्ममहणप्पसाहया ॥३४॥ अपरांतिका ॥ नाणाणं आवरणं आवरणं दंसणाणमिह बीअं । वेअणिअं अह तइअं तुरिअं तह होइ मोहणिअं ॥३५॥ गाहा ॥

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